Campus Activity- पाठकेत्तर कार्यकलाप

छात्र सामान्य कक्ष एवं केन्द्रीय समिति

छात्र सामान्य कक्ष एवं केन्द्रीय समिति वाणिज्य महाविद्यालय की समतामूलक एकता का प्रतीक है। यह वाणिज्य महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं के विभिन्न सामाजिक कार्यो में समन्वय स्थापित करती है। छात्र सामन्य कक्ष के लिये best journals subscribe किये जाते हैं। केंद्रीय समिति प्रति वर्ष इनडोर क्रीडा का आयोजन करती है जिसमें अखिल भारतीय गोरखनाथ टेबुल टेनिस तथा कलिमुद्दीन अहमद टेबुल टेनिस प्रतियोगिता उल्लेखनीय है। समिति भारतीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन करती है। प्रति वर्ष टेबुल टेनिस, कैरम, शतरंज आदि खेलों की अंतर वर्गीय प्रतियोगिताए भी होती है।

क्रीड़ा का आयोजन करनें हेतु विशेषकर एक शारिरिक शिक्षा अनुदेशक – श्री रामसुभग सिंह नियुक्त हैं।

महाविद्यालय क्रीड़ा समिति

खेल-कूद तथा व्यायाम सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है। वानिज्य महाविद्यालय में विभिन्न खेलों जैसे फुटबॉल, हॉकी, बॉलीबॉल, क्रिकेट, खो-खो, कबड्डी, बासकेट बॉल, टेनिस, बैडमिंटन, कैरमबोर्ड, शतरंज तथा योग अभ्यास आदि की सुविधा है। महाविद्यालय क्रीड़ा समिति के तत्वावधान में निम्नलिखित खेल-कूद प्रतियोगिताएँ चालायी जाती हैं -

(क) अंतर्वर्गीय एवं अंतर्छात्रावास खेल प्रतियोगिताएँ चलायी जाती है।

(ख) कैरमबोर्ड, शतरंज, टेनिस तथा बैडमिंटन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता

(ग) वार्षिक क्रीड़ा जो सामान्यतः वानिज्य महाविद्यालय स्थापना दिवस पर होहि है।

(घ) विश्वविद्यालय सेवा शील्ड अंतर महाविद्यालय फुटबॉल प्रतियोगिता पिछले अनेंक वर्षों में वाणिज्य महाविद्यालय के खिलाड़ीयों का विभिन्न क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में प्रमुख स्थान रहा है।

कॉलेज स्थापना दिवस

पटना विश्वविद्यालय में वाणिज्य शिक्षा का आरंभ 1953 में हुआ था। सामान्यतः उक्त स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

राष्ट्रीय छात्र सैन्य संघ (एन. सी. सी.)

कॉलेज में सैन्य शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था है। छात्र अपनीं जाँच के अनुसार वायु, जल अथवा थल सैन्य शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। थल सैन्य शिक्षा के लिये इस महाविद्यालय में एक कम्पनीं है जो 28 बिहार बटालियन एन. सी. सी. का अंग है। इसके अलावा एक आर्म्ड इकाई भी है। आर्म्ड एयर तथा नेवी इकाईयाँ सभी कॉलेजों के मिले जुले छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है। इसका उद्देश्य छात्रों में एकता और अनुशासन पैदा करना है।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार एन. सी. सी. में संतोषजनक कार्य सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिये अतिरिक्त योग्यता माना जाता है।

राष्ट्रीय सेवा योजना

राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रारंभ 13 फरवरी 1973 को किया गया। जो छात्र एन. सी. सी. या खेल कूद में भाग नहीं लेना चाहते तथा जिनकी रूची समाज सेवा में है, वे राष्ट्रीय सेवा योजना में सम्मिलित हो सकते हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को निर्माण कार्य में लगाना है। प्रत्येक सत्र में इस योजना के अंतर्गत 120 घंटा कार्य करना होता है।

वाविज्य परिषद्

वाणिज्य परिषद् की स्थापना दिसंबर 1953 में प्राचार्य श्री भगवती कुमार सिन्हा के द्वारा की गयी। इसका उद्देश्य देश की सामाजिक, आर्थिक और व्यवसायिक समस्याओं पर विचार विमर्श करना तथा यदि संभव हो तो उसमें सुधार लानें का प्रयत्न करना है।

वाणिज्य महाविद्यालय में सप्ताह में एक दिन उपरोक्त विषयों पर परिचर्चा करनें हेतु सेमिनार का आयोजन होता है जिसमें छात्रों में सामान्य ज्ञान एवं सामाजिक चेतना में वृद्धि के अतिरिक्त कुशल अभिव्यक्ति (Communicative Skill) में अभूतपूर्व वृद्धि होती है।

छात्र-अभिभावक मिलन

छात्रों की उपस्थिति एवं अन्य क्रियाओं से अभिभावक को अवगत करानें तथा महाविद्यालय के कार्यक्रमों के संबंध में उनके सुझाव प्राप्त करनें के उद्देश्य से शिक्षक-अभिभावक मिलन का आयोजन किया जाता जाएगा।